हमको नज़र सब आता है लेकिन हमारे अंदर का ईगो उसे कबूल नहीं करता। हमको नज़र सब आता है लेकिन हमारे अंदर का ईगो उसे कबूल नहीं करता।
"छोड़ो उस बात को तुम क्यों बच्चो की तरह ज़िद कर रही हो " "छोड़ो उस बात को तुम क्यों बच्चो की तरह ज़िद कर रही हो "
कंपनी के परिसर में उनका प्यार परवान चढ़ा था, लेकिन बेरोजगार हुआ विवेक कभी भी मधु से शादी की बात न कर... कंपनी के परिसर में उनका प्यार परवान चढ़ा था, लेकिन बेरोजगार हुआ विवेक कभी भी मधु...